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Showing posts from 2009

प्रदेश के नए इलाके भी अब नक्सलियों के चंगुल में

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छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग और सरगुजा संभाग के बाद अब नए जिले भी नक्सलियों के चंगुल में आ चुके है। रायपुर जिले का गरियाबंद , मैनपुर और धमतरी जिले का नगरी सिहावा इलाका पहले से ही प्रभावित है। वहीं बिलासपुर,कोरबा,रायगढ़ जैसे शांत प्रदेश भी अब नक्सली गतिविधियों से परचित हो रहे है। हालांकि बिलासपुर,कोरबा,रायगढ़ में नक्सलियों ने अब तक कोई हिंसात्मक घटना को अंजाम नहीं दिया है। लेकिन उनकी घुसपैठ से पुलिस भी इंकार नहीं करती है। सूत्रों के मुताबिक कोरबा के खदान वाले क्षेत्रों में आठ महीना पहले ही नक्सली हलचल से वहां दहशत फैल गया था। तत्कालीन एसपी रतन लाल डांगी ने स्वीकारा था कि नक्सली हलचल इस क्षेत्र में शुरुआती दौर में है। दूसरी ओर डीजीपी विश्वरंजन का कहना है कि नक्सली बस्तर और सरगुजा में दबाव बढऩे पर नए जिले में घुसपैठ कर रहे है। इसके पीछे फोर्स का ध्यान भटकाना है। पुलिस और खुफिया तंत्र ऐसी गतिविधियों पर पूरी तरह नजर रख रकी है। गरियाबंद में फोर्स भेजा जा चुका है। नए क्षेत्रों में जरुरत पडऩे पर फोर्स भेजा जाएगा। रायगढ़ जिले के कोपा में पकड़े गए नक्सली नेता संजय चक्रधारी से पूछताछ चल रही है। उसक

विशेष जन सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तारियों की तैयारी

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केन्द्रीय गृह विभाग द्वारा चलाए जाने वाले एंटी नक्सल आपरेशन में किसी भी प्रकार की बाधा को रोकने के लिए नक्सली समर्थकों पर राज्य विशेष जनसुरक्षा कानून का सहारा लिया जा सकता है। प्रदेश में नक्सली समर्थकों का विरोध शुरू हो गया है, जिसे देखते हुए पुलिस बड़ी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। बस्तर में नक्सलियों द्वारा जनप्रतिनिधियों को निशाने पर लेने के साथ ही नक्सली समर्थकों के खिलाफ भी बगावत शुरू हो गई थी। ग्रामीण इलाकों और शहरों में रह रहे नक्सली समर्थकों के खिलाफ वातावरण तैयार होने लगा है। लगातार एकतरफा रिपोर्ट से बस्तरवासियों में एनजीओ से जुड़े लोगों के खिलाफ जनाक्रोश फैल रहा है। इनके द्वारा सिर्फ सरकारी शोषण का ही विरोध की जा रही है। सोमवार को दूसरे राज्यों से नक्सल प्रभावित इलाके में सर्वे करने आए संगठनों के खिलाफ राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक डा.सलीम राज और होटल कर्मचारी संघ के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए विरोध किया था। वहीं वनवासी चेतना आश्रम द्वारा निकाली जा रही पदयात्रा का स्थानीय आदिवासियों ने जमकर विरोध किया है। नक्सली समर्थकों के खिलाफ खड़े हो रहे लोगों के आक्रोश से मा

सलवा जूड़ूम के बाद नक्सली हिंसमें बढ़ोत्तरी हुई

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वनवासी चेतना आश्रम के संस्थापक ने अपने ऊपर नक्सली समर्थक होने के लग रहे आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे बस्तर में शांति चाहते है, लेकिन पुलिस बल ,सलवा जुड़ूम,और नक्सली वहां हिंसा चाहते है। इसलिए शांतिवार्ता के लिए चलाए जा रहे पदयात्रा का विरोध किया जा रहा है। वनवासी चेतना आश्रम के हिमांशु कुमार, पीयूसीएल के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सायल ,जनआंदोलन के राष्ट्रीय समंव्यक डॉ संदीप पांडे ने एक संयुक्त पत्रकारवार्ता में कहा कि बस्तर में जब से सलवा जूड़ूम आंदोलन शुरु हुआ है नक्सली हिंसा में तेजी आई है। जिसमें आम नागरिक ,पुलिस और नक्सली हजारों की संख्या में मारे गए है। उन्होंने कहा कि बस्तर में आदिवासियों को जंगल से खदेड़ने और माइनिंग उद्योगों को वहां स्थापित करने के लिए सरकार वहां फोर्स तैनात कर रही है। इससे औद्योगिक घरानों और राज्य के कुछ खास लोगों को जरुर लाभ होगा, लेकिन आदिवासी को इससे कोई लाभ नहीं होगा। हम सभी प्रकार की हिंसा के खिलाफ है। हिमांशु कुमार ने कहा कि उनके खिलाफ अगर कोई अपराधिक मामले हैं तो उन्हें पुलिस गिरफ्तार क्यों नहीं करती है। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स

नौ साल में एक हजार सिर कलम

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रायपुर। राज्य निर्माण के बाद से अब तक नक्सलियों और पुलिस के बीच चल रहे संघर्ष में नक्सलियों ने एक हजार ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया है। इनमें अधिकांश का सिर कलम कर दिया गया। इन पर नक्सलियों ने पुलिस के लिए मुखबिरी करने का आरोप लगाया था। दूसरी ओर पुलिस ने नक्सलियों द्वारा मारे गए ग्रामीणों को अपना मुखबीर मानने से हर बार इंकार किया है। राज्य निर्माण के बाद से अब तक नक्सली एक हजार एक सौ बत्तीस ग्रामीणों को कूरतापूर्वक गला रेतकर मौत के घाट उतार चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि नक्सली बात नहीं मानने पर मारपीट करते हैं। पुलिस की मुखबीरी करने और किसी भी नक्सली घटना में पुलिस द्वारा गवाह बनाए जाने पर भी वे ग्रामीणों की भीड़ एकत्र कर खुलेआम अमानवीय सजा देते हैं। बस्तर संभाग सहित राजनांदगांव में भी ऐसी अमानवीय मुहिम जारी है। यही कारण है कि अब नक्सलियों के खिलाफ ग्रामीणों में दहशत व नफरत बढ़ती जा रही है, लेकिन जहां नक्सली उनके साथ अमानवीय सलूक करते हैं, वहीं सरकार और पुलिस का रवैया भी किसी तरह कम नहीं आंका जा सकता। लगातार संख्या बढ़ी राज्य बनने के बाद नक्सली हिंसा में मरने वाले ग्रामीणों की संख्

chidambaram naksali samsya par lege baitak

होम मिनिस्टर पी चिदम्बरम २५ सितम्बर को छत्तीसगढ़ प्रवास पर है,सुबह ८ बजे राज्यपाल से मुलाकात के बाद वह ११ बजे मंत्रालय में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिह , ग्रह मंत्री ननकी राम कवर ,ग्रह सचिव एन के आसवाल ,डीजीपी विश्वरंजन ,एडीजी (नक्सल आपरेशन ) रामनिवास , एडीजी (एस आई बी ) गिरधारी नायक ,डीआई जी पवन देव ,सहित नक्सल आपरेशन से जुड़े अफसर शामिल होगे ,,दिसम्बर से नक्सलियों के खिलाफ पॉँच राज्यों में एक साथ आभियान चलाया जाएगा ,इस बैठक के बाद दोपहर 200बजे श्री चिदंबरम रांची झारखण्ड , के लिए विशेष विमान से रवाना हो जायेगे ,

३० नक्सली मारे जाने की संभावना

दंतेवाडा के किस्ताराम थाना इलाके में कोबरा कमांडो ने सयुक्त आपरेशन में नक्सलियों का हथियार बनाने के फैक्टरी में छापा मारकर कब्जा कर लिया है ,इस हमले में २०० नक्सली भागने में सफल होगये ,इनमे ३० के मरे जाने की संभावना है,७ नक्सलियों का शव पुलिस ने बरामद कर लिया है,नक्सल ओपरेशन के विशेष महानिदेशक विजय रमन और सयुक्त ओपरेशन के अतरिक्त महानिदेशक रामनिवास शनिवार को दंतेवाडा पहुचे ,यहाँ आफ्सरो की बैठक ली ,इसमे बस्तर आई जी टी जे लंगाकुमेर भी शामिल हुए थे,

नक्सल आपरेशन का प्रभार को एडीजी रामनिवास को

राज्य सरकार ने नक्सल आपरेशन का प्रभार अतरिक्त महानिदेशक रामनिवास को दिया गया , राजनादगांव की घटना के बाद रामनिवास को नक्सल आपरेशन का प्रभारी बनाया गया था ,उस समय उनके पास सी आई डी का प्रभार भी था,लेकिन अब उन्हें छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल का प्रभार दिया है,इससे वह एस टी ऍफ़ और नक्सल आपरेशन से जुड़े ओपरेशन का नेत्रत्व करेगे ,, इसके साथ ही आई जी राजेश मिश्रा को बनाया गया है,इससे पहले इस सेल में एसपी, ऐएसपी, डी एस पी , की नियुक्ति हुई हो चुकी है ,,

टास्क फोर्स के कमांडर विजय रमन ने ली बैठक

पुलिस मुख्यालय में टास्क फोर्स के कमांडर विजय रमन ने बीएसऍफ़ और के aafsro की बैठक ली ,इस बैठक में ग्रह sachiv n k aasval , dgp visvranjan ,adg ramnivas , ig dm avasthi ,dig पवन dev shamil hue ,,

१४ को नक्सल समस्या पर दिल्ली में बैठक

नक्सल प्रभावित राज्यों की बैठक १४ सितबर को दिल्ली में केन्द्रीय ग्रह विभाग ने आयोजित की है ,,,इस बैठक में उरिसा ,महारास्ट्र,झारखण्ड ,छत्तीसगढ़ ,सहित आंध्रप्रदेश केडीजीपी शामिल होगे ।

टास्क फोर्स कमांडर विजय रमन का दौरा

नक्सल प्रभवित राज्यों के लिए टास्क फोर्स के कमांडरविजय रमन छत्तीसगढ़ आ रहे है

हीरा खदान से फोर्स हटा नक्सलियों की घुसपैठ हुई आसन

प्रदेश के बेशकीमती खनिज स्थल पायलीखंड हीरा खदान की सुरक्षा अब नक्सलियों के भरोसे है। यहां तैनात फोर्स को नक्सली हमले की आशंका में हटा दिया गया है। इंद्रावन नदी में उफान आने के कारण पायलीखंड इलाका पानी से चारों तरफ से घिर गया है, वहीं नक्सलियों ने किसी भी तरह से फोर्स को हटवाकर ग्रामीणों को कीमती खनिज के दोहन का भरपूर मौका दिया है। इससे ग्रामीणों के बीच नक्सलियों का जनाधार बढऩे के साथ ही कीमती खनिज पर अधिकार भी बढ़ गया है।उड़ीसा सीमा से लगे नक्सल प्रभावित गरियाबंद का पायलीखंड इलाका तेज बारिश और इंद्रावन नदी में आए उफान के कारण टापू के रूप में तब्दील हो चुका है। पिछले एक साल से आसपास के गांव में अपनी घुसपैठ बना चुके नक्सली बारिश का लाभ उठाकर यहां अपना कब्जा जमा सकते हैं। पायलीखंड के चारों तरफ पानी भर जाने पर यहां तैनात बीएसएफ के १८ जवानों ने मदद मांगी थी। पुलिस प्रशासन पानी से घिरे पायलीखंड में मदद करने की स्थिति में नहीं था। इस कारण पिछले सप्ताह उन्हें वहां से हट जाने का आदेश दिया गया था। गरियाबंद नक्सल आपरेशन एसपी सैय्यद आरिफ हुसैन ने स्वीकारा कि नक्सली हमले की आशंका में फोर्स को हटा ल

मुख्यमंत्री ने ली पुलिसअफसरों की क्लास

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मुख्यमंत्री डा।रमन सिंह व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में अफसरों की मैराथन बैठक ली। हाल के दिनों में नक्सल वारदातों में बढ़ोतरी को लेकर उन्होंने नाराजगी फटकार लगाई, वहीं अफसरों में व्याप्त गुटबाजी पर जमकर भड़के। मुख्यमंत्री डा.रमन ने दो टूक शब्दों में अफसरों को नक्सल आपरेशन के पुख्ता एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री डा.रमन ने मुख्यालय में फेरबदल का भी इशारा किया है।विधानसभा के मानसून सत्र से फुरसत पाने के बाद आज सुबह करीब ११ बजे मुख्यमंत्री व गृहमंत्री छापामार अंदाज में पुलिस मुख्यालय पहुंचे। उनके अचानक पहुंचने पर मुख्यालय में हड़कंप मच गया। जब श्री सिंह वहां पहुंचे तब कुछ गिने-चुने अधिकारी ही वहां मौजूद थे। उनके आगमन की खबर पाते ही अफसरों ने बेल्ट कसी और वे पुलिस मुख्यालय की तरफ दौड़े। कुछ ही देर में ही पीएचक्यू का कांफ्रेंस हाल पुलिस अफसरों से पट गया। मुख्यमंत्री ने पुलिस अफसरों के पहुंचने के बाद ही बैठक शुरू की लेकिन इशारों ही इशारों में अफसरों की चुस्ती-फुर्ती के लिए अपनी नाराजगी भी प्रकट कर दी। लगभग ११ बजकर १० मिनट पर कांफ्रे

नक्सली शहीद सप्ताह में पुलिस सतर्क

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नक्सल प्रभावित बस्तर में माओवादी द्वारा मनाए जा रहे नक्सली शहीदी सप्ताह का पूरा असर देखा गया है। उद्योग घरानों का विरोध करने के साथ ही नक्सली अब रात्रि में चलने वाली यात्री बसों की तलाशी भी ले रहे हैं। नक्सलियों को शक है कि पुलिस किसी योजना के तहत उन तक पहुंच सकती है। यात्री बसों और निजी फोर व्हीलर वाहनों के लिए फरमान जारी करते हुए गाड़ी के भीतर की लाइट जलाए रखने का फरमान भी नक्सलियों ने जारी किया है। प्रदेश से लगे नक्सल प्रभावित उड़ीसा ,महाराष्ट्र के साथ साथ बस्तर संभाग में नक्सली शहीदी सप्ताह का असर छाया हुआ है। वर्दीधारी नक्सली किसी भी मोड़ और दूरस्थ इलाके में जंगल से निकल कर सामने आ जाते हैं। यात्री बस और आंध्रप्रदेश की ओर से आने वाले मालवाहक वाहनों को रोककर तलाशी ली जा रही है। यात्री बसों में सवार यात्रियों के जरिए वे अपना संदेश भी प्रचारित कर रहे हैं। पुलिस ने भी नक्सली पर्चे बरामद किया है। पर्चों में स्थानीय गोढ़ी और हल्बी भाषा का प्रयोग भी किया गया है। नक्सली अपनी शहीदी सप्ताह में पूरी तरह सर्तकता बरत रहे है। खुफिया तंत्र के मुताबिक प्रदेश में विधानसभा सत्र चलने और ३ अगस्त को न

सेना से नक्सलियों को बचाने मानवाधिकारों के ठेकेदार आगे आए

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केंद्रीय गृहमंत्री पी.चिदंबरम ने छत्तीसगढ़, ङाारखंड, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश व महाराष्ट्र में काम कर रहे नक्सली संगठनों को निशाना बनाते हुए स्पष्ट शब्दों में सैन्य कार्रवाई करने का संकेत दिया है। सैन्य कार्रवाई की कल्पना से ही नक्सली समर्थक संगठनों में हड़कंप मचा हुआ है। डा.विनायक सेन को जेल से रिहा कराने के लिए बनी केंद्रीय समिति ने सैन्य कार्रवाई के खिलाफ आंदोलन छेडऩे की घोषणा करते हुए नक्सलियों से शांतिवार्ता करने की मांग रखी है।देश के ११ राज्यों में नक्सलियों के पांव पसारने और पांच राज्यों में समानांतर सरकार चलाने के प्रयास को विफल करने के लिए केंद्र ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। खासतौर से लालगढ़ की घटना के बाद सरकार ने नक्सलियों को आतंकवादियों की Ÿोणी में रखा है। अब तक केंद्र इसे राज्य की समस्या मानती आई थी, लेकिन अब छत्तीसगढ़, उड़ीसा, ङाारखंड, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश में एकाधिकार रखने वाले नक्सलियों के खिलाफ कें्र ने सैन्य कार्रवाई की मानसिकता बना ली है। दूसरी ओर सरकार के इस कड़े कदम और कोबरा बटालियन की स्थापना को देखते हुए मानवाधिकार संगठनों ने आगे चलकर बड़े पैमाने पर नर

उच्चान्यांयालय ने डीजीपी को जारी की नोटिस

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हाईकोर्ट बिलासपुर ने नक्सल प्रभावित इलाके में सात साल सेवा देने के बाद फिर से नक्सल प्रभावित मानपुर भेज जाने के स्थांतरण आदेश के विरुद्ध एडिशनल एसपी एम आर आहिरे की याचिका पर गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय को नोटिस जारी किया है। मिली जानकारी के अनुसार १२ जुलाई को मानपुर इलाके में नक्सलियों ने राजनांदगांव एसपी विनोद कुमार चौबे पर घातक हमला कर दिया था। इस हमले में एसपी सहित २८ जवान शहीद हो गए थे। घटना के तत्काल बाद राजधानी के एडिशनल एसपी (यातायात)एम आर आहिरे को मानपुर एडिशनल एसपी के रुप में स्थातंरण कर दिया गया। श्री आहिरे हाल ही में नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में अपनी सेवा देकर लौटे थे। लगभग सात वर्षो तक वह बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों में रहे थे। सूत्रों के मुताबिक श्री आहिरे ने हाईकोर्ट बिलासपुर में तबादला रुकवाने स्टे लगाया था। हाईकोर्ट ने गृह विभाग सहित डीजीपी विश्वरंजन को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट में स्थांतरण के विरुद्ध याचिका दायर करने वाले पहले पुलिस अधिकारी नहीं है। इससे पहले भी डीएसपी,इंस्पेक्टर,सब इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों ने तबादला के विरुद्ध स

छत्तीसगढ़ पुलिस की तबादला नीति पर उठी अंगुली

चुनाव के मद्देेनजर साल में दो बार राज्य पुलिस में हुए तबादलों पर भी ऊंगली उठनी शुरु हो गईं है। इन तबादलों में निरीक्षक, उपनिरीक्षक साहित सिपाही स्तर के कर्मचारियों को एक नक्सल प्रभावित जिले से दूसरे नक्सल प्रभावित जिले में भेज दिया गया था। जबकि मैदानी जिले में अर्से से पदस्थ अधिकारी,कर्मचारी सुरक्षित जिलों में ही भेजे गए थे। कृपापात्र कर्मचारी अधिकारी दस वर्ष की नौकरी के बावजूद अब तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नहीं भेजे गए हैं। जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात पुलिस जवान मायूस हैं। उनका मनोबल लगतार गिर रहा है। जो पुलिस की तबादला नीति को कटघरे में खड़ा करता है। गौरतलब है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लगने से पहले थोक में इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हवलदार, सिपाही आदि के तबादले किए गए थे। जानकारी के मुताबिक इन तबादलों में नक्सल प्रभावित इलाके के अधिकारी कर्मचारियों को गैर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नहीं भेजा गया, बल्कि नेताओं द्वारा पसंद के पुलिस अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में पदस्थ कराया गया। लोकसभा चुनाव के समय भी आचार संहिता लगने से पहले हुए तबादलों

लोहा खदान की सुरक्षा में जुटा था मुख्यालय

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मानपुर इलाके में स्थित पल्लामाड़ लोहा खदान एक निजी कंपनी को सौपे जाने के बाद से नक्सलियों ने इसे बंद करवाने का फरमान जारी किया था। वहीं उच्चस्तरीय आदेश के तहत पुलिस मुख्यालय लोहा खदान की सुरक्षा में जुटा हुआ था। चौकी खुलवाकर और कैंप लगाकर किसी भी तरह नक्सलियों से निपटने के लिए तैयार था। लेकिन राजनंदगांव के उच्चाधिकारी बल की कमी को देखते हुए यहां कैंप लगाने और चौकी खोलने के पक्ष में शुरु से नहीं थे। एसपी विनोद कुमार चौबे की शहादत के बाद विभाग में चल रहे अफसरशाही का मामला एक के बाद एक कर उजागर होता जा रहा है। पुलिस मुख्यालय में बैठे आला अफसरों को मालूम था कि पल्लामाड़ में लगाए गए लोहा खदान का नक्सली पोरा जोर विरोध कर रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा खदान के प्रदुषण से वहां के खेतखलिहान को बरबाद किए जाने आरोप भी लगाया जाता रहा। इस विरोध को दबाने के लिए वहां पुलिस की चौकी और कैंप लगाए जाने का मुख्यालय ने आदेश जारी किया था। मुख्यालय के एसी कमरो में रिर्मोट दबाकर कागजों पर नक्सली हमले का एक्शन प्लान बनाने वाले अफसरों की पोल धमतरी और राजनंदगांव की घटना के बाद एक एक कर खोल रही है। हालांकि धमत

डीजीपी पढ़ रहे कविताये नक्सली खेल रहे खून की होली

नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक समेत ३० जवानों की जान लेकर एक बार फिर राज्य में अपनी मजबूत स्थिति का एहसास करा दिया है। नक्सलियों ने पिछले साढ़े चार सालों में लगभग १३०० लोगों के जीवन से खूनी खेल खेला है। जसमें पुलिसकर्मीं, विशेष पुलिस अधिकारी और आम नागरिक शामिल हैं।करीब तीन दशक पहले शुरू हुआ नक्सलियों का तांडव अब नासूर बन गया है। जैसे-जैसे समय गुजरता गया नक्सली कमजोर होने की बजाय मजबूत होते गये हैं। प्रदेश सरकार मुखिया डॉ. रमन सिंह के नक्सलियों के विरुद्ध बेहद सख्त होने के बावजूद अब तक विशेष सफलता नहीं मिली है जिससे पुलिस प्रशासन की कार्यकुशलता पर प्रश्रचिन्ह लगने लगा है। कुछ अधिकारियों को छोड़ जिनके नेतृत्व में यह लड़ाई लड़ी जा रही है उनमें इच्छाशक्ति की कमी दिखाई देती है। पुलिस मुखिया के कार्यकलापों पर नजर दौड़ाएं तो वे अपने साथ दो दर्जन से अधिक पुलिस कर्मचारियों की फौज के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों और साहित्यिक सम्मेलनों में ही नजर आते हैं। जबकि उन्हें नक्सलवाद के खिलाफ जंग लडऩे वाला मजबूत अधिकारी मानकर इस पद पर बिठाया गया था। यदि आंकड़ो पर गौर करें तो उनके पुलिस निदेशक बनने के बाद नक्स

नक्सल आपरेशन,हाईटेक होगे जवान.

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रायपुर नक्सल आपरेशन में लगे जवानों को हाइटेक करने की योजना केन्द्रीय गृह विभाग के नक्सल सेल ने बनाई है। जिसमें नक्सल इलाके में तैनात राज्य पुलिस के जवान भी शामिल रहेगें। इसके लिए बुलेट प्रूफ जैकेट और सेटेलाइट सेल फोन देने की तैयारी की जा रही है। नक्सल आपरेशन में लगे जवानों को हाइटेक करने की योजना पर अमल बस्तर संभाग में तैनात फोर्स से शुरु की जाएगी। ङाारखंड,उड़ीसा,महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित इलाकों में फोर्स को अत्यधिक समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। वहीं बस्तर संभाग में घने जंगलो और ऊंचे पहाडिय़ों के बीच विकराल समस्या से गुजरना पड़ता है। यहां सर्चिग के दौरान फोर्स का संर्पक तंत्र टूट जाता है। इसका भरपूर फायदा नक्सली उठाते है। अन्य राज्यों के मुकाबले नक्सली सबसे ज्यादा हमले बस्तर में करते है। नक्सलियों से मुठभेड़ के समय सही पोजीशन (छुपने का स्थान) नहीं मिल पाता है। इस कारण जवान गोलीबारी के शिकार हो जाते हंै। नक्सल आपरेशन विशेषज्ञों ने माना कि विस्फोट के साथ ही नक्सली चारो तरफ से गोलीबारी शुरु कर देते हैं। इस दौरान फोर्स को संभालने का मौका नहीं मिलता है। ऐसी घटनाओं को देखते हुए आपरेश

बारिश थमी तो नक्सली करेंगे अटेक

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प्रदेश में इस बार बारिश कम होने की संभावना है। इससे यह अनुमान है कि नक्सली हमलों में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं। नक्सल आपरेशन से जुड़ेअधिकारियों का मानना है कि बरसात के तीन महीने नक्सली चुप बैठते हैं। इसके पीछे बस्तर के नदी नालो में उफान और जंगलो में पानी भर जाना है। यहां इस मौसम में मलेरिया और डायरिया जैसे संक्रामक बीमारी फैल जाती है। लेकिन इस बार बरसात नहीं होने पर नक्सलियों को हमला करने में आसानी होगी। पुलिस मुख्यालय में इसे लेकर एक गोपनीय बैठक भी हुई है। प्रदेश में इस बार मानसून विलंब से आने के कारण नक्सली गतिविधियां जून के पूरे महीने जारी रही। बीते वर्षो में बारिश के साथ ही नक्सली गतिविधियां मानसून आने के साथ ही थम जाती थी। बस्तर के अधिकांश इलाकों में पानी भर जाता है। इस बार बारिश कम होने पर नक्सली हमला तेज कर सकते हैं,उन्हें बारुदी सुरंग बिछाने और नदी नाले के पास कैंप करने में आसानी होगी। गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में नक्सल आपरेशन से जुड़े अफसरों की बैठक आयोजित की गई थी। इसमें खासतौर से बस्तर आईजी टीजे लांगकुमेर उपस्थित थे। हालांकि मुख्यालय के अफसरो ने इसे रुटीन बैठक कहा है। सूत्रों क

नक्सल समस्या से निपटने के पॉँच मंत्र

राज्यपाल ने अपने बस्तर प्रवास के दौरान अफसरों की बैठक लेकर नक्सल समास्या से निपटने के लिए पांच मंत्र दिए है। जिससे बस्तरवासियों को खुशहाल बनाकर नक्सल समास्या को खत्म किया जा सके। इसके लिए उन्होंने बस्तर में लोक सुरक्षा, अन्न सुरक्षा सहित शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार पर ज्यादा बल देने का निर्देश दिया है। राज्यपाल ई.एस.एल.नरसिम्हन ने बस्तर के संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि अंचल में आम जनता की सुरक्षा, सुरक्षा सहित शिक्षा,स्वास्थ्य और सतत् रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने,पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति की यह पांच जरूरतें पूरी हो जाय तो वह खुशहाल रहेगा। उन्होंने प्रदेश को आगे बढ़ाने में बस्तर में काम कर रहे सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे अत्यंत कठिन और विषम परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। राज्यपाल ने अधिकारियों से उनके विभाग के बारे में जानकारी ली जिसमें आदिम जाति कल्याण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग,स्वास्थ्य विभाग,पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग,विद्युत वितरण कम्पनी,चिकि

समाज भी नक्सली पैदा करता है

समाज में मिलने वाली व्यवस्था भी नक्सली पैदा करता है .मै और विकाश शर्मा एक पुलिस के एक वरिष्ठ अफसर के साथ बैठकर विचार विमर्श कर रहे थे ,ने आपने वेतन में विस्गति होने पर आपना दुखडा रोते हुए कहा दिया ,मंत्रलय में उनके जैसे अफसर कोचक्कर कटते ७ साल हो गया ,कभी सोचा आपके राज्य में नक्सली कैसे आ गए , मेरे बिना उत्तर दिए ही वह आगे बोलने लग गए अनपढ़ को नियम सिखा का कर उसका दुःख और बड़ा रहे है, फ़िर क्यो ने नक्सली उन्हें शोषण का पाठ नही पड़ाऐगे मै चुप था ,

बस्तर के आबुझ्मद में अब घुसेगी पुलिस

देश और प्रदेश में रहस्मय रहे बस्तर के अबुझ्मद में अब सरकार विकाश के रास्ते प्रवेश करने वाली है ,नक्सल विरोधी आन्दोलन से जुड़े डॉ उदयभान चोहन ने कहा की सरकार के इस फैसले का स्वागत करते है ,लेकिन सरकार को आदिवासियों की सस्कृति का ख्याल रखना होगा,नही तो नक्सली आदिवासियों की एक बार फ़िर रहनुमा बन जायेगी ,नक्सली यहाँ पिछले २० वर्षो से आपना हेड क्वाटर बना रखे है,इसकी जानकारी खुफिया तंत्र ने सरकार को काफी लबे समय से दे राखी है ,

लोकतंत्र के दरवाजे पर खड़ा बौद्ध

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१९९० में मध्यप्रदेश के बस्तर संभाग में जब नक्सलवाद धीरे धीरे अपने पांव पसारते हुए पूरे छत्तीसगढ़ आंचल में छाने की मुहिम चला रहा था। ऐसे में हरियाणा का एक नौजवान यहां भानुप्रतापपुर एसडीओपी के रुप में पदस्थ हुआ। सीधे साधे भोले भाले अधनंगे आदिवासियों के बीच उसने एक अजीब सी शांति पाई। उसे लगा शांति का मसीहा बौद्ध इन्हीं के बीच मौजूद रहता है। ऐसे में माओ का हिंसक आंदोलन इनके बीच ज्यादा समय सांस नहीं ले पाएगा। भटके हुए लोग बहुत जल्द इस शांत समाज में लौट आएगें। कुछ समय बाद उन्हें परिवारिक कारणवश यहां से लौटना पड़ा। बस्तर की शांति और बौद्ध उन्हें याद आता रहा। १९९४ में ग्वालियर में कमांडेट रहते हुए उन्होंने अपनी पहली पदस्थापना को याद करते हुए गौतम बौद्ध की पेंटिग बनाई। छह साल बाद छत्तीसगढ़ राज्य के अस्तिव में आते ही बटवारे मे यहां चले आए उनके साथ बौद्ध की पेंटिग भी साथ आ गई। लेकिन शांत माने जाने वाला छत्तीसगढ़ इन दस सालो में काफी बदल चुका था। शायद शांति के पुजारी बौद्ध को पूजने वाले अब यहां नहीं थे और बौद्ध के चहेरे से भी मुस्काराहट गायब थी। नक्सलवाद ने यहां की धरती पर नरसंहार कर लाल ङांडा लहरा

अंधविश्वासजनित रोकने 20 हज़ार स्वयंसेवी कार्यकर्ता - विश्वरंजन

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हर ग्राम से एक कार्यकर्ता होंगे तैयार रायपुर । सामाजिक अपराध और अमानवीय गतिविधियों को प्रोत्साहित करने वाले प्रचलित अंधविश्वासों से प्रदेश को मुक्त करने के लिए राज्य के हर गाँव से एक-एक कार्यकर्ता को छत्तीसगढ़ पुलिस प्रशिक्षित करने जा रही है । ये प्रशिक्षित कार्यकर्ता अपने-अपने गाँव में पांरपरिक रूप से प्रचलित अंधविश्वासों, जैसे इनमें टोनही, डायन, झाड़-फूँक की आड़ में ठगी, धन दोगूना करने की चालाकिय ों, गड़े धन निकालने, शारीरिक, मानसिक आपदाओं को हल करने के लिए गंडे ताबीज, चमत्कारिक पत्थर एवं छद्म औषधियों का प्रयोग कर धन कमाने आदि गतिविधियों, घटनाओं के पीछे की जाने वाली चालाकियों एवं ट्रिक्स की वैज्ञानिक व्याख्या कर प्रायोगिक प्रदर्शन कर जनजागरण करेंगे । ज्ञातव्य हो कि पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन की विशेष सामाजिक पहल पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने वर्ष 2009 में टोनही प्रकरणों की दर को शून्य पर स्थिर करने तथा अंधविश्वास आधारित अपराधों के नियंत्रण हेतु विशेष अभियान प्रारंभ किया है । पुलिस महानिदेशक ने बताया कि राज्य में संचालित इस अभियान में लगभग 20,000 (बीस हज़ार) स्वयंसेवी कार्यकर्ता प्रशिक्षि

राजभवन में नक्सल जिले के पुलिस अफसरों की बैठक

राज्यपाल श्री नरसिम्हन ने शुक्रवार २२ मई को राजभवन में बैटक लेकर पुलिस अफसरों से नक्सल समस्या पर चर्चा की जिसमे राज्य में नक्सलियों की विस्तार निति को फ़ैल करने की योजना बनी है,बैटक में डीजीपी विश्व रंजन ,आई जी (बस्तर ) लांग कुमेर भी शामिल हुए , गौरतलब है की १० मई को धमतरी में हुए नक्सली विस्फोट में मरे गए १३ जवानो की मौत के बाद राज्यपाल पुलिस की कार्य प्रद्ली से नाराज चल रहे है ,

छ ग में १ साल में नक्सल ख़त्म नही तो इस्तीफा

ग्रह मंत्री ननकीराम कवर ने प्रदेश में नक्सल वाद खत्म नही होने पर १ साल में इस्तीफा देने की घोषणा की है , गौरतलब है की ९ मई 2009 की रात धमतरी के नगरी में हुए नक्सली विस्फोट ओउर १३ जवानओ के शहीद होने के बाद श्री कवर १३ मई राज्यपाल से मिलने गए थे, इस मामले में धमतरी ओउर कांकेर पुलिस की लापरवाही खुलकर सामने आई है, इस मामले में राज्यपाल ने डीजीपी अनिल एम् नवानी ,होम सेक्टरी एन के आसवाल ,डीआई जी (नक्सल आप्रेसन) पवन देव ,एस टीऍफ़ डीआईजी कर्नल रजनेश शर्मा ,एसपी अभिषेक पाठक,धमतरी एसपी नेहा चम्पावत की क्लास ली थी , पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है,

नक्सलियों से सीधी लडाई डॉ.रमन सिंह

छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने ८ मई को राज्य पुलिस के आला अफसरों की बैठक लेकर नक्सलियों से आरपार की लडाई करने की घोषणा कर दी है ,बैठक में गृह मंत्री ननकीराम कंवर भी शमिल हुए थे,सरकार ने काफी समय बाद रुख कदा किया है ,गोरतलब है की नक्सलियों ने १५ दिनों से लगतार नक्सली घटनाओ को अंजाम देना शुरू कर दिया है ,

माडल की हत्या प्रेमी ने की पत्नी के साथ गिरफ्तार

१मार्च २००९ को अपने घर मोवा रायपुर से निकली छत्तीग फ़िल्म की हिरोइन माडल दिव्या साहू (२५ वर्ष ) २ दिनों तक घर नही पहुची तो उसके पिता ने पंडरी पुलिस थाना में गुमासुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई ,लेकिन उशका कोई सुराग नही मिला , पुलिस ने इस मामले में उश्के प्रेमी बार संचालक प्रीतम खनुजा से पुछ्तास की तो उसने भी दिव्या ओर अपनी शादी होने की जानकारी देकर चिंता जताई ,उसने दिव्या की खोज भी की धीरे- धीरे बात फैलाने लगी दुसरे कलाकारों के बीच चर्चा होने लगी ,घूमफिरकर बार संचालक प्रेमी प्रीतम पर शक होने लगा लेकिन पुलिस के पास कोई साबुत नही था ,बार स्चाल्क पहले से ही शादी शुदा था ,लेकिन पत्नी से भी तालाक हो गया था ,इस दोरान सीएसपी मनीष पोर्निक को राज्न्दा गाँव में एक जली हुई लाश

लोक सभा में छ ग को मिले ८५ कपनी

छतीसग को लोकसभा चुनाओ में केन्द्र ने ८५ कपंनी दी है,२५ मार्चःसे सी आरपीऍफ़ बीएसऍफ़, सिक्कम सिक्यूरिटी फोर्स ,तिब्बत सीमा पुलिस ,रेलवे पुलिस फोर्स ,की कपंनी पहुचना सुरु हो गई है,इन्हे नक्सली प्रभावित इलाको में तैनात किया जाएगा,१० अप्रेल तक सभी मतदान केंद्रों में बल पहुच जायगा,इसके लिए १० हैलीकाप्टर किराय पर लिए जा रहे है,किराय पर नही मिलने पर सेना से मदद ली जायगी,डीजीपी अनिल एम् नवानी ने बतया की पिछले लोकसभा से इस बार फोर्स अधिक मिला है,हलाकि विधानसभा चुनाव में ३५० कपनी छ्त्तिस्ग्र्हा को मिली थी,उसके मुकाबले कम फोर्स मिला है,

हीर

छग में महिला बटालियन को मंजूरी

छत्तीसगढ़ में कमांडो बटालियन के बाद महिला बटालियन को मंजूरी दी गई है ,महिला बटालियन के लिय विचार मंथन किया जा रहा है , महिला बटालियन को ऐटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) के साथ भी जोड़ा जा सकता है , अम्लेस्वर महदेओ घाट के कमांडो ट्रेनिग ओर जगल वार काकेर में ट्रेन किया जायेगा ,लगभग ४०० महिला होगी बटालियन में , नक्सल पीड़ित छग में महिला नक्सलियों की सख्या को देखते हुऐ यह निर्णय लिया गया है ,

नक्सलियों के खिलाफ सयुक्त अभियान, चिदम्बरम

केंद्री ग्रह मंत्री पी चिदम्बरम ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सोमवार की शाम राजभवन में बैठक ली ,इसमें मुख्यमंत्री डा रमन सिह ग्रह मंत्री ननकीराम कवर डीजीपी विश्व रंजन सहित ग्रह विभाग के अफसर शामिल थे , देश के नक्सल समस्या को ख़तम करने के लिए संयुक्त अभियान चलाया जाएगा ,केंद्री ग्रह मंत्री बनाने के बाद वह पहली बार नकासल परभावित छग आए है ,देश के ११ नक्सल पीड़ित राज्यों में छतीसगढ़ घोर नक्सल राज्य है , इसके १८ जिलो में १२ नक्सल पीड़ित राज्य है , बस्तर में चल रहे सलवा जुड़म आन्दोलन के विषय उनोहने कुछ नहीं बोला ,दूसरी और कांग्रेस ने दंतेवाडा के सिगावाराम मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए सी बी आई जाच की मांग की है ,इस मुठ भेड में १६ आदिवासी की मोत हुई है , पुलिस पहले से ही इस मामले में घिरी हुई है ,

छग पर सिमी की नजर

देश के बड़े महानगरो में पिछले साल हुए आतंकी धमाके में शामिल इडीयान मुजाहिदीन (आईऍम )इस्लामिक स्टुडेंट मूमेंट (सिमी ) का बदला हुआ नाम निकला , इसके बाद मध्य्पर्देश, उत्तर परदेश ,महाराष्ट, दिल्ली ,आन्ध्र परदेश , में हुए गिरफ्तारी में ऐसे आरोपी पकडे गए इनके तार छत्तीसग के सिमी से जुड़े थे , विभाजन से पहले मध्य्पर्देश सिमी की छग इकाई यहाँ सक्रीय थी , इनके सदस्य आज भी मोजुड़ है, इंन पर खुफिया तंत्र की नजर है ,केंद्र सहित राज्य के गुप्तचर विभाग को इसकी पुरी जानकारी है ,मुख्यमंत्री डा रमन सिह ने ६ जनवरी को केंद्र द्वारा दिल्ली में आयोजितआतंक वाद निरोधक दस्ता गठन बैटक में छग पर सिमी की नजर होने की बात कही थी ,सूत्रों के आनुसार सिमी का नेता सफ़दर नागूरी का छग आ चूका था, इससे यहाँ के सदस्यों की सकिरिता का आनुमान लगाया जा सकता है

नक्सलियों के निशाने पर बजरंग दल

पिछले महीने बस्तर में नक्सलियों ने शहीद सप्ताह में भाजपा सहित आर एस एस ,विश्वहिंदू परिषद्,बजरंग दल के खिलाफ एजंडा पेश किया था, इसकी जानकारी पुलिस को भी है, बजरंग दल के राष्ट्रीय सह सयोजक शुभाष जी चव्हान ने कह की हम उरिसा में भी नक्सलियों के निशाने पार है , बजरंग दल आतंकवाद के खिलाफ पहले से ही है , अब नक्सलियों के, बस्तर के दंतेवाडा में हल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बजरंग दल के जिला सयोजक भीमाराम मांडवी जीतकर आय है,

नक्सली फिर फैला रहे अफवाह डीजीपी

डीजीपी विश्व रंजन ने बताया की बस्तर के बीजापुर दंतेवरा सिगावर नाले के पास पुलिस ओर नक्सलियों के बीच हुए गुरुवार को एन्कौन्टर में मरे गए १५ नक्सली को सही बताया ,उनोहोने कहा की पोलिस को सफलता मिलते ही नक्सली समर्थक अफवाह फैलाते है ,

छग में आतंकियों से निपटने कमांडो बटालियन

छत्तीसग राजधानी रायपुर में आज १० जनवरी शनिवार को राज्यपाल ने तीसरी बटालियन को कमांडो बटालियन के रूप घोषित किया है , इन्हे १५ मास्टर ट्रेनिग देगे इनके पास एनएसजी,बीएसफ की स्पेशल ट्रेनिग है , केंद्र के आदेश पर यह दस्ता गठित किया गया है , आतंकवाद निरोधक दस्ता (ऐ टीएस )राज्य में काम करेगा , देश में आपना कमांडो बटालियन बनाने वाला पहला राज्य है

देश में आतंक के खिलाफ गोरखपुर का योगी

शिवसेना चीफ बाला साहेब ठाकरे देश में आतेंक के खिलाफ आवाज उठा रहे है, वही गोरखपुर के भाजपा सांसद योगी आदिनाथ भी एकहिन्दू हदयसम्राट के रूप में उभरकर जनता के सामने आ रहे है , गोरखपुर के साथ ही वह पुरे उत्तरप्रदेश में अपनी पहचान बनाने में कामयाब नजर आ रहे है वह दिन दूर नही जब वह पूरे देश में हिन्दू नेते के रूप में पहचने जायगे.आतंकवादियों के सूची में योगी का नाम भी शामिल है,लेकिन सरकार उन्हें फोर्स नही दे रही रही है देश की भगवा सेना उनके साथ है ,