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Showing posts from October, 2010
जिस इंद्रेश कुमार को मैं जानता हूं !!
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संजय द्विवेदी कुछ साल पहले की ही तो बात है इंद्रेश कुमार से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मेरी मुलाकात हुयी थी। आरएसएस के उन दिनों वे राष्ट्रीय पदाधिकारी थे। एक अखबार का स्थानीय संपादक होने के नाते मैं उनका इंटरव्यू करने पहुंचा था। अपने बेहद निष्पाप चेहरे और सुंदर व्यक्तित्व से उन्होंने मुझे प्रभावित किया। बाद में मुझे पता चला कि वे मुसलमानों को आरएसएस से जोड़ने के काम में लगे हैं। रायपुर में भी उनके तमाम चाहने वाले अल्पसंख्यक वर्ग में भी मौजूद हैं। उनसे थोड़े ही समय के बाद आरएसएस की प्रतिनिधि सभा में रायपुर में फिर मुलाकात हुयी। वे मुझे पहचान गए। उनकी स्मरण शक्ति पर थोड़ा आश्चर्य भी हुआ कि वे सालों पहले हुयी मुलाकातों और मेरे जैसे साधारण आदमी को भी याद रखते हैं। उसी इंद्रेश कुमार का नाम अजमेर बम धमाकों में पढ़कर मुझे अजीब सा लग रहा है। मुझे याद है कि इंद्रेश जी जैसे लोग ऐसा नहीं कर सकते। किंतु देश की राजनीति को ऐसा लगता है और वे शायद इसके ही शिकार बने हैं। मेरे मन में यह सवाल आज भी कौंध रहा है कि क्या यह आदमी सचमुच बहुत खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह
यह ·कैसा राज्योत्सव ???
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यह ·कैसा राज्योत्सव ??? सुन ले मोर गोठ छत्तीसगढ़ राज ल बने दस साल पूरा होने वाला है। आउ समारू अपना सभी संगी साथी ·े साथ मिल·े भी शराब ठे·ादार ·े दू·ान ला छत्तीसगढ़ महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ठा·ुर प्यारेलाल सिंह अउ छत्तीसगढ़ राज्य आंदोलन के नेतृत्व ·रता सहित्यकार हरि ठाकुर के प्रतिमा के पास से नहीं हटा पावत हैं। दम नहीं है देवांगन बंधु मन ता·क त दिखाइस तो आजाद चौ·क पुलिस में अपराध ·कायम होगे अब ·कार में तात है। ·हागे हमर छत्तीसगढिय़ा साथी संगी जवान अऊ पहलवान साथी मन हा छुपगे है। छत्तीसगढ़ आजाद फौज,छत्तीसगढ़ टाइगर्स, छत्तीसगढ सेना,छ्त्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा,छत्तीसगढ़ संग्राम परिषद,छत्तीसगढ़ राज्य अंखड धरना चलाने वाला दाउ आनंद कुमार डॉ. उदयभान सिंह चौहान। यह राज्योत्सव छत्तीसगढिय़ा मन के नहीं है। यह तो चोर ठे·केदार,भ्रष्ट अधि·कारी मन ·के है। मोर मन में जो बात रहिस तेन ला मे लिख दे हांव अब देखना है ·की आगे चल·कर · होई,दस साल पहले ए· बार हमन ला ए· होकर छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण बर लड़ाई ·रना पड़े रहीस अब छत्तीसगढ़ ·के अस्मिता बर लड़ाई लडऩा पड़ी। सवाल ए· दारू दूकान के नहीें है। सवाल अ
केंद्री मंत्री की सुपारी छह सौ में
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अमीर धरती गरीब लोग वाले अनिल भैय्या ने कहा था कि कभी सच लिखना हो तो ब्लाग पर लिखो वहीं हम सबके बीच ब्लांग को आज का आंदोलन बताने वाले अवारा बंजारा के संजीत त्रिपाठी की भी यहीं राय रही है कि ब्लांग में समाचार नहीं विचार लिखो चलो अपने निजी लेकिन हजारो लाखो छत्तीसगढ़िया के मन के गोठ याने विचार लिख देता हुं। राय स्थापना दिवस भी आ रहा है। छत्तीसंगढ़ में बेरोजगारी बढ़ गई है यहीं कारण है कि यहां हर कोई सस्ते में आदमी मांगता है। छॉलीवुड के कलाकार से लेकर अखबारो के पन्ने रंगने वाले धांसू कलमकार यहां सस्ते में मिल जाते हैं। हरियाणा हो या राजस्थान सभी को यहां सस्से में मजदूर मिलते हैं। इस लिए जोर से बोलो छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया ,,,, सबसे मजे की बात यह है कि कोचिया (दलाल) भी मौजूद है। कम दर में बात कर बेहतर काम करवाने का दावा करते हैं। खैर फिर भी जय छत्तीसगढ़...जय जौहर ,,,, बहारहाल हम इस गंदगी को बाद में कोसेगें। लेकिन हाल ही में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (गांधी मैदान)में हुए कालिख कांड की सुपारी की कीमत ने अब यहां के गुंडे बदमाशो की कीमत भी कम कर दी है। जिससे अब क्रांतिकारी किस
किसके कंधों के सहारे भगाए जा रहे हैं नक्सली…एक नजर इधर भी
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