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Showing posts from July, 2011
मुंबई आतंकी दहशत में नकाम सरकार और 2,500 से अधिक मौत
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मुंबई (आईएमएनबी) पिछले एक दशक से अब तक कई गुना हमला किया गया है. अब तो मीडिया और राजनेताओं का कहानियों और बयानों को अच्छी तरह सेअभ्यास हो गया है. हाल ही में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी 'नाम मात्र के लिए' प्ररंपरागत दौरा किया, मगर किसी ने भी मनमोहन सिंह को याद नहीं दिलाया के उन्होंने मुंबई की शंघाई बनाने का वादा किया था. विस्फोट होते ही समाचार टीवी चैनलो में कई सारे प्रोग्राम आने लगते है. जहा दुनिया भरके पत्रकार और विशेषज्ञ विस्फोट कैसे हुआ, क्यों हुआ कौन दोषी ये बात पर चर्चा छेड़ देते हैं। किन्तु जहां पूरी सरकार ही भ्रष्ट है और नाकामयाब खुफिया तंत्र , कमजोर पुलिस बल के रहते भारत को आतंकवाद से कैसे छुटकारा मिलेगा. मुंबई महानगर जिसे माया नगरी भी कहते हैं। इस सपनों के शहर में पिछले एक दशक से अब तक के विस्फोट में 2,500 से अधिक लोग मारे गए हैं. 1989 : एक टिफिन बॉक्स में पोटेशियम क्लोराइड और चीनी भरकर सेवरी रेलवे स्टेशन पर भेज दिया. जहां दो लोगो की मौते हो गई. हमलावरों ने विस्फोट करने के लिए ट्रिगर डिवाइस में सल्फ्यूरिक एसिड का इस्तेमाल किया था.
सिमी का तार राजधानी रायपुर से जुड़ा ,आईबी के पास है दस साल पुरानी फाईल जिसमें छत्तीसगढ़ के सिमी सदस्यों के नाम हैं
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रेलवे प्लेटफार्म में लावरिस बच्चो को अपराध के दलदल से बचाने सिधुं ताई का अभियान
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पुणे,मुंबई में अपराध कम करने के लिए महाराष्ट्र पुलिस ने काफी प्रयास किया और विभिन्न समाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर अभियान भी चलाए लेकिन एक अभिय़ान महाराष्ट्र पुलिस के बिना मदद पूणे के प्लेटफार्म में एक एसा ही अभियान सिंधु ताई ने चलाया है। सिधुं ताई यह वह महिला है जो वर्षो पहले पुणे के प्लेटफार्म में भीख मांगा करती थी। उसने अपने आंखो से देखा था लावरिस बच्चो को होश संभालते ही यात्रियों के जूठन खाते और फेके हुए कचरे से खाने पीने की चीज ढूंढते हलांकि वह भी उनके बीच एक हिस्से के रूप में मौजूद थी। देश का कहो या फिर विदेश में ही क्यो ना हो रेल्वे प्लेटफार्म आवारा और लावरिस बच्चो की जन्म स्थली या कर्म स्थली के रूपमें पहचानी जाती है। लेकिन अब इन प्लेटफार्म से आवार और लावरिस बच्चो को असामजिक होने से बचाने के लिए और अपराध के दलदल में जाने से रोकने के लिए एक अभियान सिधुं ताई चल रही है। प्लेटफार्म के अधिकांश बच्चे अब सिंधु ताई के चार आश्रमों में अपराधिक जिंदंगी से छुटकारा पाकर समाजिक जिंदगी जी रहे हैं। अब तक २७२ पुरस्कार से सम्मानित और भिक्षा व दान से मिले हुए पैसों से अनाथो के लिए पुणे सहित अमरावती