खान बंधु फिल्मे बनाने से काम नहीं चलेगा
सैफ अली खान की फिल्म कुर्बान और शाहरूख खान की फिल्म माइ नेम इज खान दोनो ही फिल्मों में मुस्लिम समाज केप्रति विदेशो में पैदा हुए नफरत को बताया गया है। दोनो ही फिल्में तरीफ कबिल है। शाहरूख खान और सैफ अली खान की एक्टिंग दिल को छु लेने वाली है। लेकिन माइ नेम इज खान में शाहरूख खान उर्फ रिजवान खान ने पूरी फिल्म में बड़े ही मार्मिक रोल के साथ कहा है कि माइ नेम इज खान आई एम नाट टेरिरिस्ट मै नहीं हूं आतंकवादी हर खान आतंकवादी नहीं पर आतंकवादी खान है इस बात को हम तभी नकार सकते है जब गलतियो में फतवा जारी करने वाला इस्लाम आतंकवादियों के खिलाफ उनके जेहाद नामक आतंकी आंदोलन के खिलाफ फतवा जारी करने का समय आता है तो चुप बैठ जाता है। ओसम बिन लादेन को खलनायक मानने के बजाए उसे नायक समझा जा रहा है। मुस्लिम समाज खुलकर तलिबान के खिलाफ नारे लगाने से कतराता है। हालांकि मुस्लिमो की राष्ट्रभक्ति पर जरा भी संदेह नहीं किया जा सकता है। लेकिन भारतीय सिनेमा के मुस्लिम कलाकार शाहरूख खान और सैफ अली खान ने अपने दोनो ही फिल्म मेें अमेरिका में हुए आतंकी हमले के बाद आम मुस्लिमो के खिलाफ फैली नफरत को अपने अभिनय के माध्यम से ...