भ्रष्ट आधिकारियो ने उसे फसने का प्रयास करना छोड़ दिया ...जीत हुई जनता की ,,,,,,,,,,

पत्रकार होने के नाते मुझे इस घटना की जानकारी पहले ही हो गई थी। लेकिन मै शहर की तसीर नाप रहा था। दुसरे दिन ही मैं मानव अधिकार निगरानी समिति के पदाधिकारियों के साथ वहां न्यायालय पहुंचा। आधिवक्ता लीलाधर चंद्राकर से मिला। उन्हें पहले ही इसकी जानकारी दे चुका था। उन्होंने जमानत के लिए आवेदन लगाया। जमानतदार के रूप में घनश्याम चौधरी ने हलफनामा भरा। बिना जान पहचान के जमानत के दौरान हमे औपचाकिता पूरी करने में दिक्कत आई। लेकिन उस बुजग को बहार निकलना था। कैसे भी। देर शाम तक हम परेशान होते रहे। शाम को माननीय कायपालक दंडधिकारी ने भी रूचि दिखाई। जमानत दे दिया। शाम को मानव अधिकारी निगरानी समिति के लोग वहां पहुंच गए। बाहर निकलने पर सेवानिवृत सबइंजिनियर लोकेद्र सिहं भड़क गया। उसने कहा मुझे जेल में ही रहने दो। किसी तरह उन्हें समझाबुझाकर बाहर निकाला गया। उन्होंने अपने किसी रिश्तेदार के घर शांतिनगर में जाने की बात कहीं। दुसरे दिन उसने खुद फोन किया सुनीता जी को, मानव अधिकार निगरानी समिति के लोग कोषलाय पहुंचे। राजधानी की मिडिया ने पूरा सहयोग किया था। अखबार लोकेनदऱ के पक्ष में रंगे हुए थे. हरि भूमि,से ब्र...