बाबा ने हनुमान की तरह कांग्रेस की लंका में आग लगा दिया है


मनमोहन सरकार के खिलाफ पूरे देश में आक्रोश है। कांग्रेसी भी सरकार के इस रव्वैया से भीतर ही भीतर खपा है। आखिर उन्हें भी आम जनता के बीच जाना पड़ेगा। क्या जवाब देगे।बाबा रामदेव को कारपेट जगत का एजेंट कह देना असान है। लेकिन रामलीला मैदान में आम जनता पर लाठी चाज का जवाब कांग्रेसियों के पास नहीं है। कांग्रेसी भी हट कर रहे हैं। अपनी गलती नहीं मानने के लिए लेकिन अन्दर ही अन्दर उनक हट योग कमजोर होता जा रहा है। बहरहाल मनमोहन सरकार पर विरोधी आपातकाल 1975 और जलियावाला बाग की संज्ञा दे रहे है। देखते ही देखते ही देश में भूचाल आ गया है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने बाबा के खिलाफ आग उगलना शुरू जारी रखा है। हलांकि इससे बाबा का सिफ प्रचार ही होने वाला है। कुल मिलाककर कांग्रेस को पूरे देश में अलग अलग भाषाओं की गालियां दी जा रही है। बाबा ढोगी और पांखडी थे तो सरकार अब तक क्या कर रही थी। मनमोहन सरकार को लग रहा था। की भारत स्वाभिमान मंच भाजश की काट है। भाजपा को नुकसान पहुंचाने के लिए यह मंच बढि़या काम कर रही है। लेकिन भारत स्वाभिमान मंच ने हनुमान की तरह कांग्रेस की लंका में आग लगा दिया है। जिससे भाजपा के लिए किले फतह करना आसान हो गया है। अब संघ और विहिप ने खुलकर राग अलपना शुरू कर दिया है। अगर यह साधु संत किसी और धरम का होता तो क्या कांग्रेस एसा करती है। कुल मिलाकर संघ परिवार और भाजपा ने पूरे मामले को केस कर लिया है। लंका पूरी तरह जल रही है। महिलाओं के कपड़े में भागे बाबा रामदेव साफ कह रहे है। मनमोहन सरकार उनका एनकाउंटर करवाना चाहती थी। अगर उन्हें कुछ हुआ तो सोनिया गांधी जिम्मेदार होगी। अब बाबा माया की शरण में जाना चाह रहे हैं। यह तो तय है बाबा सरकार का शीषर्सन करवाकर दम लेगें।

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