नक्सली आतंक से गरियाबंद, मैनपुर बंद

जिले के देवभोग से लेकर गरियाबंद तक के इलाके में नक्सलियों ने अपना झंडा लहराते हुए 28 दिसंबर को बंद का ऐलान किया था। इसका असर इलाके के छोटे मोटे बाजारों में स्पष्ट दिखा। मुख्यालय से भेजे गए फोर्स की मौजूदगी का स्थानीय व्यापारियों में जरा भी असर नहीं दिखा, बल्कि नक्सली दहशत में स्वस्फूर्त बंद रहा। नक्सलियों के फरमान को देखते हुए राजधानी से छूटने वाली गरियाबंद, देवभोग जाने वाली बसों के पहिए जहां थम गए थे, वहीं इस सड़क में पूरी तरह वीरानी छाई रही। डीजीपी विश्वरंजन ने गरियाबंद, मैनपुर इलाके में फोर्स भेजे जाने का जहां हवाला दिया था, वहीं नक्सलियों के पर्चे और पोस्टर मैनपुर में उनके दुस्साहस की गाथा कहने से बाज नहीं आ रही थी। मैनपुर में नक्सलियों ने अपनी ताकत दिखाई है। भूतेश्वरनाथ मंदिर गरियाबंद से लगे एक दर्जन गांव वर्दीधारी नक्सलियों के चंगुल में हैं। कुछ गांवों में नक्सलियों की आमद को देखते हुए दहशतभरी चुप्पी छाई हुई है। सूत्रों के मुताबिक जूनाडीह, खुर्सीपार, काजनसरा, बेन्कुरा जैसे गांवों के आसपास जंगलों में नक्सलियों की हथियार बंद टुकड़ियों की झलक ग्रामीणों तक पहुंच रही है। नक्सली जहां भय दिखाकर स्थानीय ग्रामीणों से मदद ले रहे हैं, वहीं गांवों में माओवाद की पाठशाला भी लगा रहे हैं। गरियाबंद के घने जंगल वाले अधिकांश ग्रामों में नक्सलियों ने पंचायत स्तर पर बैठके ली हैं। यहां की स्थिति 1986 -87 के बस्तर जैसी बनती जा रही है। अभी नक्सली ग्रामीणों का ब्रेन वाश करने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाए हैं, लेकिन इस क्षेत्र में उनकी आमद ने ग्रामीणों को उनका साथ देने के लिए मजबूर कर दिया है।
सौ किमी तक छाया रहा दहशत नक्सली बंद में गरियाबंद से लेकर देवभोग तक लगभग 100 किलोमीटर तक की सड़कें नक्सली आतंक में सूनी थी। रोजाना इन सड़कों पर दौड़ने वाली बस, जीप, ट्रक के पहिए राजिम के आसपास ही थम गए थे।नक्सलियों का गश्त पुलिस भले ही इन इलाकों में नक्सलियों की संख्या कम आंकती हो, लेकिन सिहावा, नगरी, गरियाबंद, मैनपुर, देवभोग के जंगलों में नक्सलियों की कई हथियारबंद टुकड़ियों को पेड़ों की ओट लिए गश्त करते देखा जा सकता है। वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी इनके दहशत में अपने दफ्तरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। बाक्स जल्द चलेगा आपरेशन: कंवर गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने कहा कि नए प्रभावित इलाकों का उन्होंने भी दौरा किया है। ग्रामीणों की दहशत से वे परचित हैं। इन क्षेत्रों में आपरेशन चलने वाला है।

Comments

Ajay Saxena said…
बड़ी विडम्बना है ...
हिंदी ब्लाग लेखन के लिये स्वागत और बधाई । अन्य ब्लागों को भी पढ़ें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देने का कष्ट करें

Popular posts from this blog

देश में आतंक के खिलाफ गोरखपुर का योगी