विशेष जन सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तारियों की तैयारी


केन्द्रीय गृह विभाग द्वारा चलाए जाने वाले एंटी नक्सल आपरेशन में किसी भी प्रकार की बाधा को रोकने के लिए नक्सली समर्थकों पर राज्य विशेष जनसुरक्षा कानून का सहारा लिया जा सकता है। प्रदेश में नक्सली समर्थकों का विरोध शुरू हो गया है, जिसे देखते हुए पुलिस बड़ी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। बस्तर में नक्सलियों द्वारा जनप्रतिनिधियों को निशाने पर लेने के साथ ही नक्सली समर्थकों के खिलाफ भी बगावत शुरू हो गई थी। ग्रामीण इलाकों और शहरों में रह रहे नक्सली समर्थकों के खिलाफ वातावरण तैयार होने लगा है। लगातार एकतरफा रिपोर्ट से बस्तरवासियों में एनजीओ से जुड़े लोगों के खिलाफ जनाक्रोश फैल रहा है। इनके द्वारा सिर्फ सरकारी शोषण का ही विरोध की जा रही है। सोमवार को दूसरे राज्यों से नक्सल प्रभावित इलाके में सर्वे करने आए संगठनों के खिलाफ राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक डा.सलीम राज और होटल कर्मचारी संघ के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए विरोध किया था। वहीं वनवासी चेतना आश्रम द्वारा निकाली जा रही पदयात्रा का स्थानीय आदिवासियों ने जमकर विरोध किया है। नक्सली समर्थकों के खिलाफ खड़े हो रहे लोगों के आक्रोश से मामला बिगड़ता देख पुलिस मुख्यालय में डीजीपी विश्वरंजन और संयुक्त नक्सल आपरेशन के एडीजी रामनिवास ने अफसरों की बैठक ली है। इसमें राजधानी सहित बस्तर, सरगुजा, राजनांदगांव, धमतरी में समर्थकों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इनके खिलाफ बहुत लंंबे समय से आईबी और राज्य खुफिया विभाग के पास महत्वपूर्ण जानकारियां हैं, लेकिन पुलिस उचित मौके का इंतजार कर रही थी। राज्य विशेष जनसुरक्षा कानून के तहत 2007 और 2008 में हुई गिरफ्तारियों के बाद इस कानून को लेकर हुए विरोध के कारण पुलिस जिन नक्सली समर्थकों को घेरने में असफल रही थी, उनकी दोबारा फाइल खोली जा रही है। डीजीपी को ज्ञापन सौंपा मां दंतेश्वरी आदिवासी स्वाभिमान मंच दंतेवाड़ा के पदाधिकारियों ने सुखदेव तांती ,छविंद्र कर्मा के नेतृत्व में मंगलवार की शाम डीजीपी विश्वरंजन से मुलाकात कर नक्सली समर्थकों के खिलाफ जनाक्रोश से अवगत कराते हुए नक्सली समर्थकों को जल्दी गिरफ्तार करने की मांग की है।

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