बाबूलाल ने ग्रामीणों को banaya karorpati

रायपुर आईएएस अफसर बाबूलाल से भी ज्यादा चालक उनका सीए निकला जिसने अपने गांव के ग्रामीणों को इंकमटैक्स फाइल बनाने के नाम पर औपचारिकता पूरी करवाई और उनके नाम से बैंक में फर्जी खाते खोलकर अफसर के ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में तब्दील कर दिया। आयकर अफसरो द्वारा फर्जी पासबुक की में दर्ज नाम के आधार पर खरोरा में शिविर लगाकर करोड़पति ग्रामीणों का साक्षत्कार लेना पड़ा तब जाकर खेत में काम कर रहे ग्रामीणों को पता चला कि वह करोड़पति हैं। उनके नाम से एक बड़ा उद्योग समूह चल रहा है। जिसमें वह ज्वाइंट डायरेक्टर हैं। कृषि सचिव बाबूलाल अग्रवाल के सात ठिकानो में छापेमार कार्रवाई करने वाले आयकर अफसरो को जब सीए सुनील अग्रवाल के निवास और दफ्तर से ढेरो ऐसे दस्तावेज और बैंक पासबुक मिले जिसमें से 40 करोड़ रुपए इधर से उधर हुए थे। इसके आधार पर आयकर अधिकारियों का एक तीस सदस्यी दल दो शुक्रवार से खरोरा में डेरा डाले हुए था। लगभग 28 बैंक खातो के आधार पर खरोरा में पुलिस और कोटवार के मदद से पुकार लगाई गई,तो इसमें से अधिकांश करोड़पति की हैसियत रखने वाले अग्रवाल एंड कंपनी के साझेदार ज्वाइंट डायरेक्टर खेतो में काम करते नजर आए। आयकर अफसरो की पूछताछ में इन्हें जब पता चला कि इनके नाम से राजधानी के रामसागरपारा इलाके में स्थित यूनियन बैंक में खाते हैं। इसमें से लाखो रुपए इधर से उधर हुए है। तो गश खाकर गिर पड़े आयकर अफसरो ने जब उद्योगो में साझेदारी होने के दस्तावेज दिखाए तो बहुत का पसीना छूट गया। फर्जी बैंक खाते और अग्रवाल के कंपनी में साझेदारी करने वाले ग्रामीण जीवन लाल चंद्रकार,प्रीतम सिंग ठाकुर, समीर विश्कर्मा,भोला यादव, भूषण नायक ,धनजंय शर्मा ,दिपक धनगर सहित ने हरिभूमि को चर्चा करते हुए बताया कि लगभग पांच से छह साल पहले खरोरा निवासी सीए सुनील अग्रवाल और उसके रिश्तेदार अलोक अग्रवाल ने गांव के लोगो को इंकम टैक्स फाईल के महत्व को बताते हुए इंकम टैक्स फाइल मुफ्त में बनवाने का झांसा दिया था। इसके आधार पर गांव के सैकड़ो लोग औपचारिकाता पूरी कर इंकाम टैक्स फाइल बनाने के लिए तैयार हो गए थे। बाद में सब को इंकम टैक्स फाइल भी दी गई। इससे गांव के और भी लोग अलोक अग्रवाल के संपर्क में आए और इंकम टैक्स फाइल बनवाने की औपचारिकाता पूरी करने लगे। लेकिन अब अचानक आयकर अफसरो की खरोरा पहुंचने के बाद ऐसे 28 नाम सामने आए है। जिनके नाम से सीए सुनील अग्रवाल और उसके रिश्तेदार और अस्टिेट अलोक अग्रवाल ने रामसागरपारा स्थित यूनियन बैंक में फर्जी खाते खोलकर ब्लैक मनी को व्हाईट मनी में तब्दीलकर निवेश किया है। करवाई थी।

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भोले भाले किसान लोग ठगे गए शातिरों के द्वारा।

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